बालों का गिरना व् समय पूर्व सफ़ेद होना

एक निश्चित मात्रा (हर रोज आपके सिर से 100 बाल) बालो का गिरना सामान्य माना जाता है क्योंकि पुराने बाल को नए बालों द्वारा बदल दिया जाता है जब बालों का  झड़ना  सामान्य न्से अत्यधिक होते हैं तो देखभाल की जानी चाहिए। इसी प्रकार एक निश्चित आयु के बाद बालों का सफ़ेद होने पर एक सामान्य घटना होती है, लेकिन जब यह जीवन के शुरुआती वर्षों में शुरू होती है तब भी इसकी परवाह करनी चाहिए । आयुर्वेद के अनुसार बाल, हड्डी के गठन का उप-उत्पाद है ।
बालों के झड़ने को आयुर्वेद में खालित्य के रूप में जाना जाता है।

लक्षण: बालों की झड़ना 

कारण: तली हुई, खट्टे, मसालेदार, नमकीन, आटे का भोजन, चाय और कॉफी की बड़ी मात्रा से इन चीजें शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता  हैं। यह पित्त दोष सिर की त्वचा में जमा हो जाती है जिससे बालों को गिरने और समय से पहले सफ़ेद हो जाता है। सिर की शुष्क त्वचा सहित कई कारण बालों के झड़ने के कारण हो सकता है; कुछ कपड़े, साबुन, शैंपू जैसे बाल उत्पादों की संवेदनशीलता; कुछ प्रकार के भोजन जैसे मसालेदार खट्टा और तेलयुक्त भोजन, धूल, कोब, सूर्य की रोशनी, और त्वचा विकार जैसे कि सोरायसिस , सेबोरिआ डर्माेटाइटिस या एक्जिमा और अन्य रोग जैसे हाइपोथायरायडिज्म, बाल कंडीशनिंग और बालों के रंग के रूप में अत्यधिक कॉस्मेटिक का उपयोग करने से बाल झड़ते हैं |  
 

आहार और जीवन शैली: मसालेदार, भारी और तेलयुक्त खाद्य पदार्थ, प्रेज़रवेटिव खाद्य पदार्थ, चीनी, जंक फूड, शराब और कार्बोनेटेड पेय, चाय और कॉफी जैसे पित्त -उत्तेजित खाद्य पदार्थों से बचें।
सलाद, गाजर और गेहूं के घास से तैयार ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जी और सब्जी का रस बढ़ाएं।
उपचार - बालों के झड़ने का आयुर्वेदिक उपचार,पित्त को संतुलित करने के लिए संतुलित आहार और जीवनशैली व्यवस्था के साथ पित्तनाशक दवा का सेवन करना चाहिए । आहार, जड़ी-बूटियों, तेल मालिश, ध्यान, अरोमाथेरेपी, प्राणायाम  और योग से  बालों के झड़ने और बालों के समय से पहले सफ़ेद होने की समस्या में फायदेमंद हो सकता है।
 यदि आपके बाल रूखे हैं तो आप प्रतिदिन हर्बल  तैल  का इस्तेमाल करना चाहिए  नहीं तो आपके बाल और ज्यादा रूखे हो जाएंगे |बालों को धूलमिट्टी और गंदगी से जितना हो सके बचा कर रखें | जब भी बाहर जाएं बालों को स्कार्फ या रुमाल से ढक कर रखें | गर्मी हो या सर्दी, धूप से बालों कोबचाकर रखें |
२. यदि आपके बाल तैलीय हैं, तो आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा | अपने आहार में मौसमी फल हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूरशामिल करें | दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं |
३. सप्ताह में दो-तीन बार शैंपू अवश्य करें | शैंपू केमिकल युक्त ना हो नहीं तो बालों के प्राकृतिक तेल खो सकते हैं |
४. संतुलित आहार लें, जिससे बाल हमेशा स्वस्थ रहें |

घरेलु उपचार:

आमला,भृंगराजआमकी गुढ़ली ,मुलेठी और तिल के बीज बराबर मात्रा में मिलाकर एक दिन में दो बार पानी में एक चम्मच दो बार पानी ले लें।

ध्यान दें: कृप्या औषधि चिकित्सक की देख रेख में ले r


उपचार के साथ उपचार