आयुर्वेद में बाल स्वास्थ्य की देखभाल में बालतंत्र या कौमारब्रहत की शाखा के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है । यह आयुर्वेद की आठ शाखाओं में से एक है जो इस विषय पर समर्पित है। इस शाखा में नवजात, शिशु आहार, नैदानिक परीक्षा, दंत चिकित्सा, बचपन की बीमारियों का प्रबंधन और बच्चों के उपचार और सिद्धांतों का बर्णन मिलता है|
आयुर्वेद में बाल विकार की चिकित्सा उसके कारण व् लक्षणों के आधार पर हर्बल दवाओं और आयुर्वेदिक टॉनिक द्वारा की जाती है।