बैद्यनाथ में आपका स्वागत है

बैद्यनाथ की शुरुआत तब हुई जब पंडित राम नारायण शर्मा ने आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण आरम्भ किया। पिछले 5000 वर्षों में आयुर्वेद में ने समाज को बहुत कुछ दिया। यह दुनिया का सबसे पुराना चिकित्सा शास्त्र है जिसमें औषधीय पौधों को उनके गुण धर्मों के आधार पर वर्णित किया गया है, उनके रखरखाव की विधि बताई गई है।

बैद्यनाथ ने प्राचीनतम ग्रंथों को इकट्ठा किया उन्हें संरक्षित किया और इस पुराने ज्ञान को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। बैद्यनाथ ने हजारों वर्ष पुराने आयुर्वेद विज्ञान को आधुनिक क्लीनिकल रिसर्च के सभी नियमों का पालन करते हुए मानकीकृत किया और अपने सारे औषधि निर्माण की विधियों की एवं टेस्टिंग विधियों की परख अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार करना आरम्भ किया। बैद्यनाथ ने कई नए औषधीय योगों का निर्माण किया और इनका बाद में उनका स्टैंडर्डाइजेशन भी किया है। नए योगों के निर्माण और खोज के अलावा बैद्यनाथ हज़ारों वर्ष पुराने आयुर्वेद योगों को आधुनिक मॉडर्न रिसर्च के हिसाब से मानकीकृत करना आरम्भ किया है

और आयुर्वेद व मॉडर्न साइंस में समन्वय स्थापित करने का अपना सर्वोत्तम प्रयास किया है। सही मायने में बैद्यनाथ आयुर्वेद की असली विरासत का प्रतिनिधित्व करता है।    

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बैद्यनाथ आयुर्वेदिक उत्पाद

बैद्यनाथ 700 से अधिक आयुर्वेदिक औषधियों का निर्माण करता है। जिसमे से ५० से भी अधिक औषघियां अध्ययन और शोध के बाद तैयार की गई हैं इन औषधियों को स्वानुभूत दवाएं कहा जाता है। बैद्यनाथ भारत में और विदेशों में समाज की जरूरतों के हिसाब से अपने प्रोडक्ट्स का निर्माण करता है। 900 प्राधिकृत स्टॉकिस्ट और 500000 से अधिक खुदरा विक्रेताओं द्वारा भारत के हर जगह और कोने में बैद्यनाथ दवाएं उपलब्ध कराई जाती है। आयुर्वेद औषधियां आजकल बहुत चर्चा में है। इस विज्ञानं में उन सभी रोगों के लिए दवाएं हैं जिनका इलाज एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में संभव नहीं है बैद्यनाथ का मानना है कि इसका उत्तर आयुर्वेद में है। बैद्यनाथ का प्रयास है कि हमेशा ऐसी दवाओं का निर्माण और खोज करता रहे जिससे की समाज आयुर्वेद विज्ञानं का सम्पूर्ण लाभ ले सके