त्वचा के रोम कूप यानि छिद्र और तैलीय ग्रंथि के बंद होने की वजह से चेहरे पर पिंपल्स (Pimples) निकलते हैं। इन्हें मुहांसे भी कहते हैं। यह कोई बीमारी नहीं है। आम तौर पर युवावस्था में लड़के-लड़कियों के चेहरे पर पिंपल्स ज्यादा निकलते हैं क्योंकि इसी उम्र में शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं।
पिंपल्स का बढ़ना (Pimples in Growth Years)
डर्मेटोलोजिस्ट की मानें तो युवावस्था में त्वचा की तेल ग्रंथियों पर बैक्टीरिया का आक्रमण ज्यादा तेज हो जाता है। त्वचा की तेल ग्रंथियों से तेल का स्राव ज्यादा होने लगता है। बैक्टीरिया की संक्रमण की वजह से त्वचा में सूजन हो जाती है, पस भर जाती है। नतीजा चेहरे पर पिंपल्स निकल आते हैं।
पिंपल्स की दूसरी बड़ी वजह जीवनशैली और फूड हैबिट भी है। ज्यादा वसा यानि तेल में फ्राई किया हुआ खाना खाने, चॉकलेट के सेवन से चेहरे पर पिंपल्स निकलने की संभावना रहती है। ज्यादा कब्ज की शिकायत रहने पर भी चेहरे पर पिंपल्स निकल सकते हैं। इसलिए कब्ज से बचने के लिए अपने भोजन में साबुत अनाज और साग को शामिल करें, ज्यादा पानी पिएं।
मुँहासे, बालों के रोमों और उनके साथ sebaceous ग्रंथि की नलिका बंद होने से या सूजन आने से उत्पन होते है जिससे पेप्यूल, पुस्टूल, नोड्यूल बनते है ।पीपल्स चेहरे, पीठ, छाती या स्तन आदि पर विकसित होते हैं।यह नौजवानों की सबसे आम समस्या है और इसलिए आयुर्वेद में यौवनपीड़िका के रूप में जाना जाता है; यौवन का अर्थ है किशोरावस्था और पिडिका का मतलब पुस्टूल या पैपुलस
लक्षण: Whiteheads होना
• Blackheads होना
• मुहाँसे में दर्द होना
• Pustules होना
कारण: आयुर्वेद के अनुसार, ऊतकों के रूप में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है और मुहासे के मुख्य कारण हैं। बढ़ा हुआ वात दोष और कफ दोष रक्त धातु को दूषित करता है जब अस्वस्थ आहार और जीवनशैली के कारण वात दूषित हो जाता है, तो दो अन्य दोष पित्त एवं कफ दोष भी प्रभावित होते हैं। बढ़ा पित्त रक्त को प्रभावित करता है विकृत रक्त त्वचा को प्रभावित करता है और वसामय ग्रंथियों से तेल के अधिक स्राव का कारण बनता है।कफ चिपचिपा होता है उत्तेजित कफ त्वचा के वसामय ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न तेल को चिपचिपापन प्रदान करता है।इस प्रकार मोटी sebaceous प्लग का निर्माण हो जाता है जिससे त्वचा के छिद्रों और बालों के रोम बंद हो जाता है जिससे मुँहासे उत्पन्न हो जाते हैं।तेल, मसालेदार, चिड़चिड़ापन, नमकीन और खट्टे खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन के कारण मुँहासे और बढ़ जाते है।
आधुनिक विचारों में सबसे सामान्य कारण
1. यौवनावस्था के दौरान एंड्रोजन, सीवम का उत्पादन को बढ़ाता है और केराटिनोसाइट्स को बढ़ाता हैं |
2. गर्भावस्था या मासिक धर्म में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन
3. अधिक सौंदर्य प्रसाधन जैसे क्लीनर्स, लोशन का अधिक इस्तेमाल करना
4. उच्च आर्द्रता होना और पसीना आना
आहार और जीवन शैली: सभी प्रकार के दूध मिठाई ,गुड़, अल्कोहल, अयोग्य खाद्य पदार्थ, खट्टा और मसालेदार भोजन
या वो खाना जो पचने में मुश्किल हो वो न खाये |
कसरत के तुरंत बाद या जब शरीर गर्म हो तो ठंडा स्नान न करें और उल्टी की इच्छा को दबाने से बचें।
ठंडी हवा और गर्म हवा और के संपर्क में रहने से बचें और एलर्जी के लिए जिम्मेदार सभी प्रकार के
कारणों से बचें।
अपने चेहरे को बार बार हल्के हर्बल फेस वॉश या हर्बल साबुन से धो लें
Pimples को न फोड़े |
घरेलु उपचार: 20 से 30 नीम पत्तियों और 10 ग्राम रेज़ोम हल्दी लगभग 2 गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाये फिर ठंडा करके प्रभावित क्षेत्र को धोने के लिए इस पानी का उपयोग करें।
ध्यान दें: कृपया औषधि चिकित्सक की देख रेख में ले
उपचार के साथ उपचार