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याददश्त बढ़ाने के प्राक्रतिक एवं आयुर्वेद उपचार

 

आज के दौर की जीवनशैली में तनाव और चिंता के कई कारण होते है! हर कोई कभी न कभी इसकी वजह से परेशान जरूर रहता है! बच्चो की बात की जाये तो परीक्षा के समय में तनाव के  कारण अधिक नींद का आना ये सब कारण हमे देखने में आते है या आपका बच्चा दिमाक से कमजोर है पढ़ाई में मन नहीं  लगता है या फिर छोटी-छोटी बातों को भूल जाना, यह सब परेशानी अब एक आम बात हो गई है! आजकल के दौर में असंतुलित खान-पान का सेवन भी परेशानी का कारण बन गया है व बच्चो का एक्टिव न रहना खेल खुद में कमी, मोबाइल का अधिक प्रयोग करना , ये सब परेशानी का कारण है परन्तु आयुर्वेद में हम कुछ ऐसे नुस्खे बताने जा रहे है जो आपके दिमाक की कमजोरी  और तनाव को काफी हद तक दूर करने में हमारी मदद करता है !                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                     लक्षण -

            १.परीक्षा के तनाव  के कारण पढ़ाई में मन न लगना !
            २. भविष्य की चिंता अधिक करने से तनाव का अधिक होना ! 
            ३. मोबाइल फ़ोन का अधिक प्रयोग करना .  
            ४. आलस्य व नींद के अधिक आने से पढ़ाई में मन न लगना !
            ५.  बच्चे का दिमाक से कमज़ोर होना !

बुद्धि बढ़ाने के कुछ टिप्स

1.कम से कम हफ्ते में 4 दिन एक्टिव रहे!ताज़ा हवा में 30min तक टहले या हाथ योगा की 12 साइकिल करे जिसे की सन सेलुटेशन कहते है,

 २.स्वस्थ भोजन करे आयुर्वेद के अनुसार याददश्त बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ स्वीट पटैटो , ओकरा , संतरा , दूध ,घी , बादाम खाये !

३ . हर्बल पदार्थ मेमोरी बढ़ाने में सहायक होते  है जैसे - ब्राह्मी , जटामांसी , भृंगराज , और शंखपुष्पी .                 

४.  हमारी याददश्त हमारी मास पेशिओ की तरह है जिस प्रकार मांस  पेशिओ का इस्तेमाल न होने से वो कमजोर हो जाती है  उसी प्रकार हमारी याददश्त भी लगातार प्रैक्टिस न करने से कमज़ोर हो जाती है 

 5. व्यायाम करे अनुलोम विलोम  करे - इनसे हमारे लेफ्ट और राइट हेमिस्फियर एक्टिव होते है और यादादश्त ठीक रहती है! सीधा खड़े हो जाये और ग़हरी सास ले सास लेते समय ऊपर की ओर देखे  सास छोड़ते समय  अपनी चीन को चेस्ट की ओर करते हुए जमीन को देखे ! 


शंखपुष्पी - दिमाक को बढ़ाने के साथ -साथ यह जड़ी -बूटी दिमाक में रक्त का सही सर्क्युलेशन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसके साथ ही यह बूटी व्यक्ति की रचनात्मकता को भी बढ़ावा देती है यह जड़ी -बूटी हमारी याद करने की क्षमता और सीखने की क्षमता को भी बढ़ती है दिमाक को तेज़ करने के लिए 5ml  से 10ml   बैद्यनाथ शंखपुष्पी को बराबर मात्रा  में गर्म पानी में मिला कर ले !


अश्वगंधा -
अश्वगंधा एमिनो  एसिड्स और विटामिन का बेहतरीन संयोजक है यह दिमाक में   एनर्जी को बूस्ट करने तथा स्टैमिना मजबूत करने में काफी मदद करता है ! 


ब्राह्मी - ब्राह्मी तनाव पैदा करने वाले हॉर्मोन कोर्टिसोल  को कम करने का काम करता है यह  तनाव के प्रभावों पर प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई करने के लिए भी जाना जाता है ब्राह्मी दिमाक को शांत रखने के साथ - साथ एकग्रता बढ़ाने में भी  काफी मदद करता है


 नोट-
उपरोक्त ओषधि लक्षणों के आधार पर बताई गई है अतः

 अधिक जानकारी के लिए हमारे बैद्यो से निशुल्क परामर्श ले –  18001028384