बालों की समस्या के लिये आयुर्वेद -
बढ़ते प्रदूषण और आज कल की लाइफ स्टाइल से बालों का उचित देखभाल नही हो पाती है जिससे कम उम्र में ही बालो की समस्या होने लगती है जैसे बाल झड़ना, डेंड्रफ, दोमुहें बाल और रूखा होना ।
बालों की समस्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे - पौष्टिक तत्वों की कमी जैसे प्रोटीन, लौह,विटामिन्स, सेक्स हार्मोन्स में असंतुलन,केमिकल युक्त शैम्पू का प्रयोग करना, हेयर कलरिंग आदि ।जिन व्यक्तियों डाईहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन ज्यादा बनता है उनके बाल पतले होकर गिरने लगते है।
इसके अलावा आजकल हम लोग फ़ास्ट फ़ूड का ज्यादा सेवन करते है जोकि आसानी से पच नही पाते जिससे हमारी पाचन सकती कमजोर हो जाती है जिससे पौष्टिक तत्व बालों को नही मिल पाते है जिससे बालों की समस्या होने लगती है।
बालों की समस्या के समाधान के लिये आप अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए अपने भोजन में प्रोटीन, फैट और विटामिन्स का समावेश करें तथा निम्नलिखित आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग करें।
भृंगराज आसव
इसमें मौजूद घटक मानव शरीर के लिए सहायक होते हैं।इसमे भृंगराज रस(एक्लीप्टा अल्बा),
हरितकी (टर्मिनलिया चेबुला),
पिप्पली (पाइपर लॉन्गम),लौंग (क्लोव),तेजपत्ता (सिन्नामौम जयलिनीकम)आदि औषधि होती है।
भृंगराजासव के लाभ-
भृंगराजासव में ऐसे औषधीय गुण हैं जो बालों के झड़ने को कम करके बालों के विकास को बढ़ावा देता है तथा बालों को काला रखने में मदद करता है ।इस दवा का प्रयोग बालों के रंग के सफेद होने के इलाज के लिए भी उपयोगी है।
भृंगराजासव में मौजूद पौष्टिक गुण स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इसमें पाई जाने वाली विभिन्न जड़ी बूटियों में कई प्रकार के विटामिन, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की एक भरपूर मात्रा होती है जो एक व्यक्ति को स्वस्थ और फिट रखकर उसकी सहनशक्ति और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है।
इसके अलावा भृंगराजासव में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट पुरानी फेफड़ों की बीमारियों जैसे खांसी, क्रोनिक पल्मोनरी डिसीज और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस में मददगार होते हैं। इसमें सामान्य सर्दी और फ्लू को ठीक करने के भी औषधीय गुण होते हैं।
भृंगराज आसव पाचन तंत्र के कार्यों को भी सुधारने में मदद करता है। इसका उपयोग पेट में दर्द, मतली, सूजन, कब्ज, दिल की धड़कन बढना, उल्टी, पेट फूलना, और अपचन जैसी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है।
भृंगराज आसव की मात्रा 15 ml से 30ml तक समान पानी मिलाकर खाना के बाद करते है।
भृंगराज आसव के अलावा इसमें बैद्यनाथ सप्तामृत लौह टेबलेट 1-1 सुबह शाम 15 ml आमला जूस से , प्रवाल पंचामृत 1-1टेबलेट , स्ट्रेसविंन कैप्सूल 1-1 सुबह शाम देना चाहिए।
महाभृंगराज तेल का प्रयोग बालों की जड़ो में लगाना चाहिए।
बालों को धोने के लिये भृंगराज हर्बल शैम्पू का प्रयोग करना चाहिए ।
उपरोक्त औषधि चिकित्सक की देख रेख में प्रयोग करना चाहिए ।
अधिक जानकारी के लिये कॉल करें - 08826659444,05102333871