योग
आयुर्वेद विश्व का प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान है। जब पश्चिमी दुनिया में सभ्यताएं विकास की प्रक्रिया से गुजर रही थीं और पशुवत जीवन जी रही थी ठीक उसी समय भारतवर्ष में चिकित्सा विज्ञान एवं स्वास्थ्य चिंतन अपने चरम पर था। इसी समय महर्षि पतंजलि ने यौगिक क्रियाओं की खोज की।
इन योग क्रियायों का उद्देश्य उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी सुद्रण बनाना था।रोगमुक्त रहकर लम्बी आयु प्राप्त करने के लिए योग एक सर्वोत्तम उपाय है।" योग करने से खून का संचार पूरे शरीर में भरपूर होता है जिससे ऑक्सीजन और जरुरी पोषक तत्व् प्रत्येक कोशिका में समुचित मात्रा में पहुंचते हैं परिणामस्वरूप कोशिका के अंदर चल रही मेटाबोलिज्म प्रक्रिया भी उच्च स्तर पर होती है।
अगर देखा जाये तो स्वस्थ शरीर का वैज्ञानिक विश्लेषण की यही परिभाषा है। इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। चूँकि यही रक्त संचार मस्तिष्क में भी हो रहा होता है अतः मस्तिष्क भी स्वस्थ और तेजी से कार्य करता है।
शुद्ध प्राण वायु के साथ शुद्ध विचार मस्तिष्क में आते हैं जिससे आत्मा ,समस्त इन्द्रियां और मन प्रसन्न अवस्था में रहते हैं।योग करने से शरीर की कोशिकाओं के बल में अपार वृद्धि होती है।
योग अभ्यास करने से मानसिक शांति व स्थिरता प्राप्त होती है। योग वास्तव में जीवन का विज्ञान है इसका अभ्यास अनिवार्य रूप से हर किसी को करना चाहिए।
व्यायाम,प्राणायाम,ध्यान ,आसन, मुद्राएं आदि क्रियाएं योग के अंतर्गत आती है। आपको चाहिए कि किसी योग्य प्रशिक्षक से योग सीखकर प्रतिदिन इन क्रियाओं का अभ्यास अपने घर पर सुबह सुबह करें।उत्तम व सात्विक भोजन करें।