बैद्यनाथ लिवरेक्स टेबलेट एवं सीरप (लिवर की संपूर्ण सुरक्षा के लिए )
आजकल नियमित खानपान लोगों की जिंदगी का प्रमुख हिस्सा बन गए है। विषैले व हानिकारक तत्व शरीर में प्रवेश करके महत्त्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाते है।लोगों में एलकोहॉल एवं तम्बाकू पदार्थों के सेवन का चलन भी बहुत ज्यादा देखा जा रहा है।ये हानिकारक पदार्थ भी शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते है।
शरीर में पाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण अवयवों में से लिवर भी एक है है। इसका कार्य शरीर की पाचन क्रिया को ठीक रखना और सभी फायदेमंद और नुकसानदायक पदार्थों का मेटाबलिज़्म करना होता है।जब ये विषैले तत्व लिवर में प्रवेश करते है तो लिवर को भी नुकसान होता है जिससे लिवर की कार्यप्रणाली अव्यस्थित हो जाती है और पीलिया ,लिवर सिर्रोसिस ,फैटी लिवर जैसे विकार जन्म लेते है।
लिवर की सुरक्षा के लिए आयुर्वेद सर्वोत्तम चिकित्सा पद्धति है। ऋषि मुनियों ने काफी खोजबीन के बाद पाया की कुटकी,पुनर्नवा,चिरायता ,भूमिअमालकी,गिलोय जैसे जड़ी बूटियां लिवर के लिए फायदेमंद है। पुराने विशेषज्ञों की इसी खोज को आधार बनाकर बैद्यनाथ ने लिवरेक्स टेबलेट व लिवरेक्स सीरप का निर्माण आरम्भ किया है।
लिवरेक्स टेबलेट व सिरप के गुणधर्म
१-लिवर की विषाक्त पदार्थों से रक्षा करते है।
२-लिवर की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखते हैं।
३- अल्कोहल या अंग्रेजी दवाओं के कारण होने वाले लिवर डैमेज की सम्भावना को कम करते हैं।
४- पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक है।
५- पीलिया जैसे रोगों को दूर करने में उपयोगी है।
६-लिवर की सूजन को (हिपेटिटिस) को दूर करने में उपयोगी है।
सेवन मात्रा- १ से २ टेबलेट, व २-२ चम्मच सीरप सादे पानी के साथ में सुबह शाम सेवन करें.
विशेष -यदि आप अल्कोहल या तम्बाकू युक्त पदार्थों का प्रयोग करते है तो आपको आज से ही बैद्यनाथ लिवरेक्स टेबलेट व सीरप का सेवन का सेवन आज ही आरम्भ करें
पेकिंग साइज़-१०० एवं ५०० टेबलेट,१०० मिली व २०० मिली