जांच

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शूलवर्जिनी वटी

घटक द्रव्य:

शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक ,लोहा भस्म, शंखभस्म ,शुद्ध सुहागा, हींग ,शुंठी ,काली मिर्च ,पीपल, हरड़ , बहेड़ा ,आंवला, दालचीनी, तेजपत्ता ,तालीसपत्र, जायफल, लवंग ,अजवाइन, जीरा, और धनिया इत्यादि।

चिकित्सीय उपयोग:

इसके सेवन से शूल, गुल्म रोग, अम्लपित्त, ,भगंदर ,अरुचि ,अर्श ,अतिसार अग्निमांद्य और अन्य भी वात पित्त और कफज रोगों में फायदा होता है। जिस रोगी को मंदाग्नि के कारण पेट में धीमा धीमा दर्द बना रहता हो उसके लिए ये दवा विशेष उपयोगी है।

संदर्भ:

सिद्ध योग संग्रह

सेवन मात्रा:

दो गोली दिन में तीन चार बार अथवा चिकित्सक के परामर्श अनुसार

आइटम कोड:

6050

मात्रा :

पैकेज :

500 रुपये से ऊपर आर्डर पर मुफ्त डिलीवरी

आकार
20 TAB एमआरपी : 60.00 स्टॉक उपलब्ध
40 TAB एमआरपी : 110.00 स्टॉक उपलब्ध

पैकेज:

इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त