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खदिरादि वटी

घटक द्रव्य:

कत्था ,कंकोल, मिर्च, कपूर, सुपारी इत्यादि

चिकित्सीय उपयोग:

मुंह में छाले पड़ने और पक जाने पर इस बटी को मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसना चाहिए। स्वरभंग में भी इसके चूसने से लाभ होता है। इसको मुंह में रखने से मुंह का जायका ठीक होता है, मुंह सूखता नहीं और कफ पिघलकर निकल जाता है।

संदर्भ:

योग रत्नाकर

सेवन मात्रा:

एक-एक गोली करके दिन में चार पांच गोली चूसनी चाहिए।

आइटम कोड:

6023

मात्रा :

पैकेज :

500 रुपये से ऊपर आर्डर पर मुफ्त डिलीवरी

आकार
5 GM एमआरपी : 53.00 स्टॉक उपलब्ध
10 GM एमआरपी : 75.00 स्टॉक उपलब्ध

पैकेज:

इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त