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रत्नागिरी रस

घटक द्रव्य:

शुद्ध पारा, स्वर्णमाक्षिक भस्म ,ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म, चांदी भस्म ,शुद्ध गंधक इत्यादि।

चिकित्सीय उपयोग:

नवीन ज्वर में यह उपयोगी औषधि है। वात ,पित्त और कफ दोष से उत्पन्न रोगों होता है।

संदर्भ:

सिद्ध योग संग्रह

सेवन मात्रा:

आधी रत्ती से एक रत्ती सुबह शाम पीपल और धनिया के चूर्ण के साथ मधु में मिलाकर दें।

आइटम कोड:

4066

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इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त