कुमारी आसव नंबर 3
घटक द्रव्य:
विजया, घृतकुमारी, जायफल, लवंग, कंकोल ,कबाब चीनी, जटामांसी जावित्री ,चित्रक कर्कट श्रृंगी,बहेड़ा, पुष्करमूल ,लौह भस्म ताम्र भस्म इत्यादि।
चिकित्सीय उपयोग:
ग्रन्थ के अनुसार इसका सेवन करने से पांच प्रकार की खांसी, आठों प्रकार के उदर रोग,6 प्रकार के अर्श , वात व्याधि, अपस्मार, भूख की कमी, आठ प्रकार के गुल्म इत्यादि रोग नष्ट होते हैं। बच्चों को इसका सेवन करने से अन्न व दूध का ठीक प्रकार पाचन होता है एवं उदर में किसी प्रकार का विकार उत्पन्न नहीं होता।
संदर्भ:
योग रत्नाकर
सेवन मात्रा:
15 से 20 मिली बराबर जल के साथ भोजन के बाद या चिकित्सक के परामर्श अनुसार
आइटम कोड:
14019
मात्रा :
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आकार |
225 ML एमआरपी : 110.00 स्टॉक उपलब्ध |
पैकेज:
इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त