कालमेघासव
घटक द्रव्य:
कालमेघ ,गिलोय,,सप्तपर्ण, कुटकी ,करंज, कुटज की छाल, गुड ,धातकी पुष्प,शुंठी, काली मिर्च, पीपल, लौह चूर्ण, रोहितक, तेजपत्ता, दालचीनी, बड़ी इलायची शरपुंखा, एलुआ, हरड़ , बहेड़ा ,बबूल इत्यादि।
चिकित्सीय उपयोग:
इस आसव का सेवन करने से समस्त प्रकार के ज्वर का नाश होता है। यह पाण्डु रोग और कामला में उपयोगी है।
संदर्भ:
भैषज्य रत्नावली
सेवन मात्रा:
15 से 20 मिली बराबर जल के साथ भोजन के बाद या चिकित्सक के परामर्श अनुसार
आइटम कोड:
16013
मात्रा :
500 रुपये से ऊपर आर्डर पर मुफ्त डिलीवरी
आकार |
450 ML एमआरपी : 178.00 स्टॉक उपलब्ध |
पैकेज:
इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त