जय मंगल रस
घटक द्रव्य:
द्रव्य हिंगुलोत्थ पारा, शुद्ध गंधक, सुहागे की खील, ताम्र भस्म, वंग भस्म ,स्वर्ण माक्षिक भस्म, सेंधा नमक ,काली मिर्च ,कांत लौह भस्म, चांदी भस्म इत्यादि शास्त्रोक्त विधि से निर्मित।
चिकित्सीय उपयोग:
यह औषधि पुराने बुखार के लिए प्रसिद्ध दवा है। हृदय ,मस्तिष्क और शरीर के सभी अंगों पर अच्छा प्रभाव होता है।
संदर्भ:
भैषज्य रत्नावली
सेवन मात्रा:
एक एक गोली जीरे के चूर्ण और शहद या शहद के साथ दें।
आइटम कोड:
4050
500 रुपये से ऊपर आर्डर पर मुफ्त डिलीवरी
पैकेज:
इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त