चतुर्मुख रस
घटक द्रव्य:
शुद्ध पारा ,शुद्ध गंधक , अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म ,घृतकुमारी स्वरस इत्यादि।
चिकित्सीय उपयोग:
वात रोगों की एक प्रसिद्ध औषधि है। मानसिक विकारों में इसका प्रयोग किया जाता है। ह्रदय के लिए यह एक टॉनिक की तरह कार्य करता है। क्षय रोग ,खांसी ,में इसका प्रयोग करना चाहिए। यह पौष्टिक और रसायन भी है।
संदर्भ:
भैषज्य ग्रंथावली
सेवन मात्रा:
एक गोली सुबह शाम त्रिफला चूर्ण और शहद में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
आइटम कोड:
4035
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पैकेज:
इसके अलावा नीचे रोगों में प्रयुक्त